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यह सस्ता, सुरक्षित और पूरी तरह देसी उपाय है, जो बकरी, भेड़ और गाय-भैंस की सेहत और दूध उत्पादन दोनों बढ़ाता है.
नीम की खली में नीम के बीज के औषधीय गुण होते हैं, जो पेट के कीड़ों को खत्म करते हैं और मवेशियों को रोगमुक्त रखते हैं.
रासायनिक दवाओं के बजाय नीम की खली पूरी तरह से प्राकृतिक और बिना साइड इफेक्ट के काम करती है.
नीम की खली का पाउडर बनाकर 50-100 ग्राम हर 15 दिन में मवेशियों के चारे में मिलाकर खिलाएं.
बकरी, भेड़, गाय और भैंस में पेट के कीड़े होना आम समस्या है. नीम की खली से पेट के कीड़े समाप्त होते हैं.
नीम खली सेवन से मवेशियों का पाचन तंत्र मजबूत होता है, वजन बढ़ता है और दूध उत्पादन बेहतर होता है.
बाजार की दवाओं के मुकाबले नीम खली सस्ती, आसानी से उपलब्ध और पूरी तरह प्राकृतिक विकल्प है.
इसे कृषि केंद्र, ऑर्गेनिक स्टोर या ऑनलाइन खरीदा सकते हैं. नियमित रूप से इसे देने से पेट के कीड़े दोबारा नहीं आते.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.