मुर्रा भैंस को भारत में “काला सोना” कहा जाता है क्योंकि यह ज्यादा दूध और ज्यादा फैट वाली क्रीम देता है. 

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लेकिन बाजार में नकली और क्रॉस-ब्रीड भैंसें भी मुर्रा के नाम पर बेची जाती हैं, इसलिए सही पहचान बेहद जरूरी है.

असली मुर्रा भैंस का रंग गहरा काला होता है. शरीर पर एक भी सफेद दाग़ या धब्बा नहीं होना चाहिए.

मुर्रा के दूध में 6–9% तक फैट होता है, जो गाय की तुलना में दोगुना है. यह उसकी प्रीमियम मिल्क क्वालिटी बताता है.

असली मुर्रा का शरीर चौड़ा, ताकतवर और गठीला होता है. इसका वजन 700 से 1000 किलो तक हो सकता है.

शुद्ध मुर्रा में सिर छोटा और पतला होता है, जबकि चेहरा हल्का नुकीला दिखता है.

मुर्रा के सींग छोटे और जलेबी जैसी घुमावदार आकृति में होते हैं. ये माथे से निकलकर पीछे की ओर कसकर मुड़ते हैं.

असली मुर्रा के सींग चेहरे से पीछे जाते हुए कान के पास से निकलते हैं, जबकि नकली सींगों का घुमाव इतना सटीक नहीं होता.

मुर्रा की पूंछ लंबी होती है जो घुटनों के नीचे तक जाती है. यह शारीरिक बनावट उसकी शुद्ध नस्ल का मजबूत संकेत है.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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