सर्दियों में तापमान गिरने से पशु अपनी ऊर्जा शरीर को गर्म रखने में खर्च करते हैं, इसलिए दूध उत्पादन कम हो जाता है. 

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ठंड के दौरान पशुओं को गुनगुना पानी पिलाने से उनका शरीर गर्म रहता है और दूध उत्पादन में गिरावट नहीं आती.

पशुओं को ठंड से बचाने के लिए उन्हें साफ, गर्म और सूखी जगह पर रखना चाहिए. इससे बीमारियों का खतरा कम होता है.

सरसों की खल, गुड़ और चना जैसी चीज़ें पशुओं को ऊर्जा देती हैं और दूध उत्पादन बढ़ाने में मदद करती हैं.

सर्दियों में पशुओं की डिवॉर्मिंग (कृमिनाशक दवा) कराना जरूरी है. इससे परजीवी कम होते हैं और पशु स्वस्थ रहते हैं.

बरसीम, लोबिया और नैपियर घास जैसे हरे चारे में प्रोटीन और खनिज भरपूर होते हैं, जो दूध की मात्रा बढ़ाने में मदद करते हैं.

गेहूं का दलिया, मक्का, जौ, बिनोला, चना और खली जैसे अनाज-आधारित मिश्रण से पशुओं को ऊर्जा मिलती है.

गुड़, मेथी, अजवाइन, जीरा और कच्चा नारियल मिलाकर तैयार मिश्रण पशु शरीर को गर्म रखता है और ताकत देता है.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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