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अगर पशुपालक इन संकेतों को समय रहते समझ लें, तो दूध की कमी और बड़े नुकसान से आसानी से बचा जा सकता है.
बिहार सरकार के पशुपालन विभाग के अनुसार, दुधारू पशु का सामान्य तापमान 38 से 39 डिग्री सेल्सियस होता है.
पशु का दूध घटने से पहले ही तापमान बदलता है. समय पर जांच से बीमारी जल्दी रोकी जा सकती है.
पशु का तापमान सुबह जल्दी या देर शाम लेना सबसे सही माना जाता है. इस समय मौसम का असर कम होता है.
तापमान जांचने के लिए थर्मामीटर का इस्तेमाल करें और तय तरीके से धीरे-धीरे लगाएं. अंदाजे से जांच करना गलत हो सकता है.
अगर पशु को बुखार है, तो वह सुस्त हो जाता है, जुगाली कम कर देता है और सांस तेज चलने लगती है.
बुखार की स्थिति में पशु का शरीर बहुत गर्म लगता है, जबकि कान, सींग और पैर ठंडे महसूस होते हैं.
ऐसी हालत में पशु को अलग रखें, साफ पानी पिलाएं और तुरंत पशु चिकित्सक से संपर्क करें.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.