पशुशाला का फर्श सीमेंट का और हल्का ढलान वाला हो ताकि बारिश का पानी और मूत्र जमा न हो. इससे संक्रमण का खतरा घटता है.

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शेड में नालियों का इंतजाम होना चाहिए ताकि गंदा पानी जमा न हो. हफ्ते में एक बार कीटनाशक का छिड़काव जरूर करें.

नमी से फंगल इंफेक्शन और मक्खी-मच्छर बढ़ते हैं. इसलिए शेड को रोजाना साफ और सूखा रखें.

शेड की छत पर पुआल या थर्मल शीट बिछाने से तापमान नियंत्रित रहता है और पशु आराम महसूस करते हैं.

शेड के आसपास पेड़ होने से छाया बनी रहती है, जिससे पशुओं को गर्मी से राहत मिलती है.

गर्मी ज्यादा हो तो दिन में एक-दो बार शेड में पानी का हल्का छिड़काव करें. इससे वातावरण ठंडा रहता है.

पशु गोबर करे तो तुरंत सफाई करें. इससे नमी और बदबू नहीं फैलेगी और रोगों का खतरा कम होगा.

नाद में ज्यादा चारा न भरें. गिरे हुए या गंदे चारे को पशु न खाएं, इस पर पेशाब भी हो सकता है जिससे संक्रमण बढ़ता है.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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