बरसात के मौसम में या इसके बाद गलघोंटू बीमारी गाय और भैंस के लिए खतरा बन जाती है. 

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समय पर टीकाकरण, साफ-सफाई और सतर्कता से आप अपने पशुओं को बचा सकते हैं और नुकसान रोक सकते हैं.

बरसात के मौसम में गलघोंटू (पास्चुरेला मल्टोसीडा) तेजी से फैलती है, जो गाय और भैंस के श्वसन तंत्र को प्रभावित करती है.

तेज बुखार (105-107°F), सांस लेने में दिक्कत, नाक व मुंह से स्राव और गले, गर्दन व छाती में सूजन.

बरसात शुरू होने से पहले अपने पशुओं को टीका लगवाना सबसे असरदार बचाव है, जिससे रोग और नुकसान दोनों कम होते हैं.

संक्रमित पशु को तुरंत अन्य पशुओं से अलग करें ताकि संक्रमण तेजी से फैलने से रोका जा सके.

पशुशाला में पानी जमा न होने दें, आस-पास का क्षेत्र हमेशा सूखा और साफ रखें.

खेतों और पशुशाला में पानी जमा होने से गलघोंटू बीमारी तेजी से फैलती है, इसलिए जलभराव को रोकना जरूरी है.

रोजाना पशुओं की निगरानी करें. दूध में कमी, बुखार या सांस की तकलीफ जैसी छोटी-छोटी समस्याओं को नजरअंदाज न करें.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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