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भारत की आबादी और जलवायु भैंस पालन के लिए अनुकूल है. सही प्रबंधन से किसानों को लंबे समय तक फायदा मिल सकता है.
भैंसों को संतुलित आहार देना जरूरी है. चोकर और जवा पर्याप्त नहीं, हरा चारा, भूसा और अनाज का सही मिश्रण चाहिए.
ठंड और गर्मी में भैंसों को विशेष ध्यान देना चाहिए. ठंड में बच्चों की मौत का खतरा बढ़ जाता है.
ठंड में डीवॉर्मिंग कराना जरूरी है. यह बच्चों की सेहत के लिए आवश्यक है और दूध उत्पादन बढ़ाने में मदद करता है.
रफेज और हरा चारा पाचन सुधारते हैं, कॉन्सन्ट्रेट ऊर्जा देता है और खनिज दूध की मात्रा और गुणवत्ता बढ़ाते हैं.
भैंसों का स्वच्छ वातावरण, नियमित सफाई और स्वास्थ्य पर ध्यान देने से दूध उत्पादन में सुधार होता है.
संतुलित आहार और सही देखभाल से किसान अपनी आय को बढ़ा सकते हैं, क्योंकि स्वस्थ भैंस अधिक दूध देती हैं.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.