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जर्सी गाय इंग्लैंड के जर्सी आइलैंड से आई विदेशी नस्ल है, जो भारत में दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए पाली जाती है.
यह रोजाना करीब 15–20 लीटर दूध देती है, जिसमें 4–4.5% फैट होता है. यह व्यावसायिक डेयरी के लिए फायदेमंद है.
गर्मी और उमस में जर्सी को ठंडा माहौल, फैन और पौष्टिक चारा चाहिए होता है.
भारत की देसी नस्लें जैसे गिर, साहिवाल, रेड सिंधी और थारपारकर भारतीय जलवायु के अनुकूल हैं.
इनका दूध कम मात्रा (8–12 लीटर प्रतिदिन) में होता है, लेकिन यह A2 प्रोटीन से भरपूर होता है.
देसी गाय साधारण हरे चारे या भूसे पर भी काम चला लेती है, जबकि जर्सी को महंगा फीड चाहिए.
देसी गायों की रोग-प्रतिरोधक क्षमता ज्यादा होती है, इसलिए इन्हें दवा या डॉक्टर की जरूरत कम पड़ती है.
तेजी से मुनाफा चाहिए तो जर्सी चुनें, लेकिन अगर लंबी अवधि की टिकाऊ कमाई चाहिए तो देसी गाय ही सही विकल्प है.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.