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यह सिर्फ दूध की मात्रा कम नहीं करता, बल्कि पूरी थन खराब कर आर्थिक नुकसान भी पहुंचा सकता है.
थनैला रोग दुधारू पशुओं में होने वाली गंभीर बीमारी है. इससे थन सूज जाता है, दूध में रक्त या झाग दिखाई देता है.
अस्वच्छ दुहाई, संक्रमित बर्तन, गंदा आवास और गलत देखभाल के कारण यह रोग तेजी से फैलता है.
थन और अयन में हल्की लालिमा, गर्मी, सूजन और दूध में झाग या रक्त दिखाई देना शुरुआती लक्षण हैं.
बीमारी के असर से दूध का रंग बदल जाता है, उसकी मात्रा कम होती है और अगर इलाज न हुआ तो पूरी थन खराब हो सकती है.
दूध निकालने से पहले और बाद में थन को एंटीसेप्टिक लोशन से साफ करें. पशु आवास को साफ-सुथरा रखें.
दूध निकालने वाले बर्तन हमेशा उबलते पानी में धोकर धूप में सुखाएं. इससे संक्रमण फैलने का खतरा कम होता है.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.