लद्दाखी गाय का मूल स्थान लेह-लद्दाख है. यह कठिन और ठंडे वातावरण में भी आसानी से रह सकती है.

Photo Credit: Canva

यह गाय आकार में छोटी होती है. इसके सींग आगे की ओर मुड़े हुए, माथा सीधा और थन कटोरी आकार के होते हैं.

लद्दाखी गाय A2 प्रकार का दूध देती है, जिसमें फैट लगभग 5.24% तक होती है. यह डेयरी प्रोडक्ट्स के लिए सबसे उपयुक्त है.

यह गाय रोज 2 से 5 लीटर दूध देती है. इससे पशुपालक रोज लगभग 200 से 500 रुपये तक कमा सकते हैं.

इस गाय की इम्यूनिटी मजबूत होती है. हालांकि यह बदहजमी, एंथ्रैक्स, थनैला और निमोनिया जैसी बीमारियों से प्रभावित हो सकती है.

इस नस्ल को सुरक्षित रखने के लिए समय-समय पर टीकाकरण, देखभाल और पशु चिकित्सक की सलाह जरूरी होती है. 

लद्दाखी गाय को कम चारे में पाला जा सकता है. कठिन इलाकों में भी यह जीवित रहती है.

दूध के अलावा, इस गाय का गोबर और मूत्र खाद और बायोगैस बनाने में उपयोग होता है. 

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

Next: गिर गाय का दूध क्यों है इतना हेल्दी, जानें खासियत!