कैल्शियम की कमी का सबसे पहला असर दूध उत्पादन में कमी के रूप में दिखाई देता है, जिससे पशुपालक की आमदनी प्रभावित होती है.

PC: Canva

इस कमी के कारण पशुओं का शरीर का तापमान सामान्य से नीचे चला जाता है, जो उनकी शारीरिक कमजोरी का संकेत है.

प्रभावित पशु थकान, सुस्ती और ऊर्जा की कमी के लक्षण दिखाने लगते हैं, जिससे उनकी गतिविधियां धीमी हो जाती हैं.

गंभीर स्थिति में यह कमी पशुओं को बेहोशी तक पहुंचा सकती है, जो तत्काल इलाज की मांग करती है.

अगर गाय-भैंस बार-बार गर्दन और पेट को मोड़कर बैठने लगे तो यह कैल्शियम की कमी का स्पष्ट संकेत है.

अचानक दूध उत्पादन में गिरावट आना कैल्शियम लेवल में समस्या का बड़ा अलार्म हो सकता है.

समय पर कैल्शियम सप्लीमेंट्स देना न केवल दूध उत्पादन बढ़ाता है, बल्कि पशु की हड्डियों और मांसपेशियों को भी मजबूत करता है.

लक्षण दिखते ही पशु चिकित्सक की सलाह लेकर उचित इलाज और डाइट प्लान शुरू करना चाहिए.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

Next: भैंस की ये 4 नस्लें कर देंगी मालामाल, जानें नाम और खासियत