PC: Canva
अगर पशु बार-बार छाया ढूंढते हैं, मुंह से लार टपकती है और कमजोरी महसूस होती है, तो यह गर्मी से तनाव के संकेत हैं.
ऐसे लक्षण दिखें तो पशु को तुरंत ठंडी और छायादार स्थान पर ले जाएं ताकि शरीर का तापमान संतुलित हो सके.
गर्मी में पशुओं को हर ढाई घंटे या कम से कम एक बार जरूर नहलाएं, ताकि शरीर का तापमान नियंत्रित रहे.
पशुशाला की छत को धान की पराली से ढकें और सफेद रंग से पेंट करें ताकि गर्मी अंदर न पहुंचे और पशु राहत में रहें.
दोपहर के समय गीले कपड़े से पशु को ढकना या पानी का छिड़काव करना लू से बचाव के लिए कारगर उपाय है.
जहां पशु रहते हैं, वहां पर्याप्त वेंटिलेशन और प्रकाश होना चाहिए ताकि वातावरण साफ और ठंडा बना रहे.
गांवों में भैंसों को तालाब में नहलाना या जलविहार कराना मानसिक शांति देता है. इससे दूध उत्पादन पर असर नहीं पड़ता.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.