सर्दियों में पशुओं पर बीमारियों का खतरा कई गुना बढ़ जाता है. खुरपका-मुंहपका जैसी बीमारियां दूध उत्पादन घटाती हैं. 

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सर्दियों में सर्दी-जुकाम, बुखार, खुरपका-मुंहपका, एफएमडी और ब्रोंकाइटिस जैसी बीमारियां तेजी से फैलती हैं.

मौसम ठंडा होते ही पशुओं की ऊर्जा शरीर गर्म रखने में खर्च होती है, जिससे दूध देना कम हो जाता है. 

बाड़े में सूखी और गर्म व्यवस्था रखें. ठंडी हवा सीधे न लगे, रात में बिछावन सूखा हो रखें.

सर्दियों में मिनरल मिक्स, गुड़, दाना-चूनी, हरा चारा और गुनगुना पानी देने से शरीर गर्म रहता है.

गीला और गंदा बिछावन सर्दी और बैक्टीरिया बढ़ाने का सबसे बड़ा कारण है. रोजाना बाड़ा साफ करें.

यदि किसी पशु में जुकाम, बुखार, खुरपका या दस्त जैसे लक्षण दिखें तो उसे बाकी जानवरों से अलग रखें.

मौसम बदलते ही एक बार पशु चिकित्सक से चेक-अप कराना और आवश्यक टीकाकरण करवाना सबसे प्रभावी बचाव है. 

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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