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थोड़ी तैयारी और सही खान-पान से दूध उत्पादन भी बढ़ता है और पशु भी स्वस्थ रहते हैं.
सर्द हवाओं से बचाने के लिए बाड़े की खिड़कियां और दरवाजे बंद रखें. फूस, टाट, प्लास्टिक या बोरे से चारों ओर ढंक दें.
ठंडी या गीली जमीन पर बैठेने से पशुओं के जोड़ों में दर्द बढ़ जाता है. इसलिए बिछावन में सूखी पराली या पुआल डालें.
पशु को एक्टिव रखने के लिए हरा चारा, दाना, चोकर, गुड़ और सरसों की खली की मात्रा थोड़ी बढ़ा दें.
ठंड में पाचन सुस्त पड़ सकता है, इसलिए हरे चारे की नियमित मात्रा जरूर शामिल करें. इससे पशु का पेट सही रहता है.
ठंडा पानी पिलाने से खांसी, निमोनिया और बुखार का खतरा बढ़ता है. दिन में कम से कम दो बार गुनगुना पानी पिलाएं.
सूरज की रोशनी पशुओं के लिए प्राकृतिक दवा है. इससे विटामिन-D मिलता है और हड्डियां मजबूत रहती हैं.
मौसमी बीमारियों से बचाने के लिए वैक्सीनेशन और कृमिनाशक दवाओं का पूरा कोर्स पहले से करवा दें.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.