PC: Canva
भारत के ज्यादा घरों में दही के बिना खाने की कल्पना भी मुश्किल है. अधिकांश लोग रोज दही खाना पसंद करते हैं.
लेकिन कुछ लोग सालों दही खाना पसंद करते हैं. लेकिन उन्हें सावधान रहना चाहिए. नहीं तो हेल्थ बिगड़ भी सकती है.
आयुर्वेद के अनुसार, बरसात में खासकर वात और पित्त दोष बढ़ जाते हैं, जिससे शरीर कमजोर पड़ सकता है.
ऐसे में मौसमी बीमारियां होने का खतरा भी बढ़ जाता है. इसीलिए मॉनसून में दही खाने से बचना चाहिए.
आयुर्वेद के अनुसार, दही की तासीर ठंडी होती है. ऐसे में ठंडी और भारी चीजें जैसे दही खाने से पाचन शक्ति कमजोर हो सकती है.
इससे गैस, अपच और पेट फूला हुआ महसूस होने जैसी समस्याएं हो सकती हैं.
इसी वजह से सलाह दी जाती है कि दही में थोड़ा काला नमक, भुना जीरा या शहद मिलाकर खाएं.
दही को बिना कुछ मिलाए खाने से पाचन प्रक्रिया धीमी हो सकती है. इससे तबीयत बिगड़ सकती है.
नियमित रूप से इस नैचुरल फर्टिलाइजर का उपयोग करने से पौधों की पत्तियां हरी-भरी और चमकदार दिखती हैं.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.