धनतेरस का शाब्दिक अर्थ है 'तेरहवां दिन धन का'. यह पर्व तेरहवीं तिथि को मनाया जाता है और धन का प्रतीक माना जाता है.

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धनतेरस के दिन भगवान धनवन्तरी की पूजा की जाती है. इन्हें आयुर्वेद के देवता और औषधियों के संरक्षक के रूप में पूजते हैं.

मान्यता है कि इस दिन भगवान धनवन्तरी की आराधना करने से सभी रोग और पीड़ा से मुक्ति मिलती है.

धनतेरस पर समृद्धि के लिए देवी लक्ष्मी और धन के रक्षक भगवान कुबेर की विशेष पूजा की जाती है.

हिंदू ग्रंथों के अनुसार समुद्र मंथन के समय देवी लक्ष्मी और भगवान कुबेर दूध के सागर से प्रकट हुए थे.

धनतेरस पर लोग आम तौर पर सोना, चांदी और कीमती धातुएं खरीदते हैं, जिससे घर में समृद्धि और खुशहाली बनी रहती है.

यह दिन स्वास्थ्य का भी प्रतीक है. कई लोग इस दिन नई दवाइयां, आयुर्वेदिक औषधियां या चिकित्सा उपकरण खरीदते हैं.

धनतेरस के दिन घर-घर दीपक जलाए जाते हैं, पूजा होती है और परिवार व मित्रों के साथ खुशियों और उत्सव का माहौल बनता है.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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