सर्दी में गाय-भैंस को खिलाएं ये 2 हरी घास, बाल्टी भर-भर देंगी दूध

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भारत में पशुपालन सिर्फ एक परंपरा नहीं, बल्कि किसान परिवारों की रोजी-रोटी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

पशुओं का स्वास्थ्य, दूध की गुणवत्ता और उत्पादन सब कुछ इस बात पर निर्भर करता है कि उन्हें कैसा चारा दिया जा रहा है.

ज्वार और मक्का ऐसे चारे हैं जो न सिर्फ सस्ते और आसानी से उपलब्ध होते हैं, बल्कि बेहद पौष्टिक भी हैं.

सही तरीके से उपयोग करने पर ये पशुओं की सेहत को संवारते हैं और दूध उत्पादन में शानदार बढ़ोतरी लाते हैं.

ज्वार एक ऐसी फसल है जो भारत के ज्यादातर इलाकों में आसानी से उगाई जाती है.

इसके हरे पत्ते और तने पशुओं के लिए उत्तम चारा माने जाते हैं. ज्वार का चारा प्रोटीन, फाइबर, विटामिन A, B कॉम्प्लेक्स से भरपूर होता है.

ये पोषक तत्व पशुओं की मांसपेशियों के विकास, हड्डियों की मजबूती और पाचन क्षमता को बेहतर बनाने में मदद करते हैं.

 ज्वार के नियमित सेवन से गाय-भैंस अधिक तंदरुस्त रहती हैं और दूध की मात्रा व गुणवत्ता दोनों में सुधार होता है.

मक्का पशुओं के लिए ऊर्जा का सबसे बड़ा प्राकृतिक स्रोत माना जाता है. इसमें कार्बोहाइड्रेट की मात्रा अधिक होती है.

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