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ऐसे में 1 साल में 10-15 टन गोबर और 6 टन मुर्गी की बीट घोल बनाकर तालाब में डालें.
इससे मछलियों के भोजन की व्यवस्था बेहतर होती है और उनका वजन तेजी से बढ़ता है.
इस घोल का तालाब में हर महीने छिड़काव करने से मछलियों का वजन लगातार बढ़ता है और किसानों अच्छा मुनाफा मिलता है.
फिश टेल रोग: इस रोग में मछली के पंखों और पूंछ पर सफेदी और सड़न आती है.
ऐसे में इससे बचाव के लिए पानी की स्वच्छता बनाए रखना और भोजन में फोलिक एसिड मिलाना मददगार होता है.
मछलियों के स्वास्थ्य और वजन बढ़ाने के लिए तालाब का पानी साफ और संतुलित रखें.
मछलियों को समय-समय पर छोटे-छोटे भागों में भोजन दें. इससे मछलियों की सेहत और सक्रियता भी बनी रहती है.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.