सुअर पालन किसानों के लिए कम लागत में ज्यादा मुनाफे का जरिया है. मांस, चमड़ा और चर्बी की मार्केट में बड़ी मांग रहती है. 

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सुअर का मांस महंगे दामों पर बिकता है और इसकी खाल से बने उत्पाद जैसे पर्स, जैकेट और बेल्ट हमेशा डिमांड में रहते हैं.

लार्ज वाइट लार्कशायर, लैंडरस और हैंपशायर जैसी नस्लें ज्यादा मांस देती हैं, जिससे मुनाफा तेजी से बढ़ता है.

छोटे स्तर से भी सुअर पालन किया जा सकता है क्योंकि ज्यादा जगह और महंगे चारे की जरूरत नहीं होती.

सुअर सब्जियों के छिलके, बचा हुआ खाना और यहां तक कि होटल वेस्ट से भी पोषण पा लेते हैं.

एक मादा सुअर साल में दो बार 6-7 बच्चों को जन्म देती है, यानी फार्म में जल्दी से संख्या बढ़ जाती है.

एक वयस्क सुअर से औसतन 60-70 किलो मांस मिलता है, जो मार्केट में अच्छी कीमत पर बेचा जाता है.

एक छोटे सुअर की कीमत मार्केट में 2000-3000 रुपये तक होती है, जिससे किसानों को शुरुआती स्तर पर भी कमाई होती रहती है.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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