सर्दियों में तालाब का पानी तेजी से ठंडा होता है, जिससे मछलियां सुस्त पड़ जाती हैं और बीमारियां बढ़ जाती हैं. 

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ऐसे में थोड़ी-सी लापरवाही भी बड़ा नुकसान कर सकती है. सही देखभाल से इस मौसम में भी मछली पालन सुरक्षित रहता है.

कम तापमान में मछलियां धीरे तैरती हैं, कम खाती हैं और सतह पर आने लगती हैं. इस दौरान उन पर नजर रखना जरूरी होता है.

ठंडे पानी में ऑक्सीजन स्तर गिरता है, जिससे मछलियां बीमार होने लगती हैं. तालाब का पानी साफ और संतुलित रखें.

हर 10–15 दिन पर चूना, SSP, मिनरल मिक्सचर और सरसों की खल्ली डालने से पानी में पोषण संतुलित रहता है.

ऐसे समय पानी ठहरा हुआ रहता है, इसलिए कोई भी दवा या खाद डालना उल्टा असर कर सकता है.

इस मौसम में मछलियां कम खाती हैं, इसलिए प्रोटीन और मिनरल्स से भरपूर हल्का आहार ही देना चाहिए.

अनावश्यक दाना नीचे सड़कर अमोनिया बढ़ा देता है, जिससे मछलियों की जान खतरे में पड़ सकती है. 

ठंड में फफूंद, त्वचा रोग और परजीवी संक्रमण बढ़ जाते हैं. तालाब में नमक का घोल डालने से पानी संतुलित रहता है.

मेढ़ों में पानी भरकर मछली पालने से दाने का खर्च कम होता है और प्राकृतिक भोजन मिलता है. 

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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