PC: Canva
इस पत्थर में बारीक छिद्र होते हैं जो गैस से भरे होते हैं. इन छिद्रों की वजह से इसका घनत्व पानी से कम होता है.
प्यूमिस तब बनता है जब ज्वालामुखी लावा तेजी से ठंडा होता है और गैस उसमें फंस जाती है.
इटली, ग्रीस, तुर्की और न्यूजीलैंड जैसे क्षेत्रों में ये पत्थर पाया जाता है. भारत में यह हिमाचल और उत्तराखंड में भी मिलता है.
प्यूमिस स्टोन का इस्तेमाल स्किन की सफाई, स्क्रबिंग, कंस्ट्रक्शन मैटेरियल और वाटर फिल्ट्रेशन तक में किया जाता है.
वैज्ञानिकों के अनुसार, प्यूमिस के पोर्स में फंसी गैस उसे तैरने में मदद करती हैं. लेकिन जब यह पानी सोख लेता है तो डूब भी सकता है.
यह पत्थर इतना हल्का होता है कि समुद्र में मीलों तक तैर सकता है. कभी-कभी यह तटों पर बहकर पहुंचता है.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.