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पत्तियों का पीला होना, जड़ों का गलना या पौधे का कमजोर होना अक्सर इन्हीं गलतियों का संकेत है.
एलोवेरा अपने अंदर पानी स्टोर करता है, इसलिए इसे ज्यादा पानी देने से जड़ें गलने लगती हैं और पत्ते नरम पड़ जाते हैं.
हमेशा तभी पानी डालें जब मिट्टी की ऊपरी 2–3 इंच पूरी तरह सूख चुकी हो. इससे जड़ें सुरक्षित रहती हैं.
भारी मिट्टी या बिना छेद वाले गमले में पानी जमा हो जाता है, जिससे एलोवेरा की जड़ें जल्द खराब हो जाती हैं.
पौधा लगाने के लिए कैक्टस/सक्सुलेंट मिट्टी का उपयोग करें या सामान्य मिट्टी में पर्लाइट, बालू या पुमिस मिलाएं.
एलोवेरा को तेज लेकिन अप्रत्यक्ष प्रकाश चाहिए. कम प्रकाश में पत्ते पतले, लंबे और पीले दिखाई देने लगते हैं.
पौधे को पूर्व या दक्षिण दिशा की रोशन खिड़की के पास रखें और हर कुछ दिनों में पौधे को घुमाएं.
लंबे समय तक एक ही गमले में रहने से मिट्टी के पोषक तत्व खत्म हो जाते हैं. साल में एक–दो बार हल्की तरल खाद दें.
यह गर्म जलवायु का पौधा है, इसलिए 10°C से कम तापमान में इसे कमरे के गर्म स्थान पर रखें.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.