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गेंदा की खेती के लिए दोमट मिट्टी आदर्श मानी जाती है. खेत को 2–3 बार गहरी जुताई करके भुरभुरा बना लेना चाहिए.
खेत तैयार करते समय 15–20 टन गोबर की सड़ी हुई खाद मिलानी चाहिए, जिससे पौधे मजबूत बनते हैं.
अक्टूबर में पहले नर्सरी बनाई जाती है और बीजों को मिट्टी व खाद के मिश्रण में बोया जाता है.
25–30 दिन में पौधे रोपाई योग्य हो जाते हैं. पौधे से पौधे की दूरी 30 सेमी और कतारों के बीच 45 सेमी रखी जाती है.
गेंदा की फसल को अधिक पानी की आवश्यकता नहीं होती. पहली सिंचाई रोपाई के तुरंत बाद करें.
तना गलन, पत्ती झुलसा और एफिड से बचाव के लिए नीम के तेल का छिड़काव प्रभावी होता है. नियमित निराई-गुड़ाई भी जरूरी है.
नियमित रूप से इस नैचुरल फर्टिलाइजर का उपयोग करने से पौधों की पत्तियां हरी-भरी और चमकदार दिखती हैं.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.