गार्डनिंग शुरू करने से पहले मिट्टी का टेस्ट कराएं. इससे उसमें मौजूद पोषक तत्वों और जरूरतों की जानकारी मिलती है.

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मिट्टी का पीएच पौधों की ग्रोथ पर असर डालता है. ज्यादातर पौधों के लिए 6.0 से 7.5 का पीएच बेहतर होता है.

गार्डनिंग के लिए दोमट मिट्टी सबसे सही मानी जाती है. इसमें 40% रेत, 40% गाद और 20% चिकनी मिट्टी होती है.

मिट्टी की ढीली और हल्की संरचना पौधों की जड़ों को फैलने का स्थान देती है. यह अच्छी जल निकासी में भी मदद करती है.

मिट्टी में मौजूद केंचुए और सूक्ष्म जीव मिट्टी की उर्वरता बढ़ाते हैं. ये नाइट्रोजन और पोटैशियम जैसे तत्वों को रिसायकल करते हैं.

गोबर खाद, वर्मीकंपोस्ट, बोन मील और रॉक फॉस्फेट जैसे जैविक खाद मिट्टी को पोषण देते हैं.

मिट्टी की गुड़ाई करते रहना जरूरी है. इससे मिट्टी ढीली रहती है, घास निकलती है और पौधों की जड़ों को ऑक्सीजन मिलती है.

केमिकल फर्टिलाइजर मिट्टी में मौजूद लाभदायक बैक्टीरिया और सूक्ष्म जीवों को खत्म कर देते हैं. इससे मिट्टी की उर्वरता घटती है.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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