एलोवेरा को रेतीली मिट्टी पसंद होती है. चिकनी मिट्टी में पानी जमा हो जाता है, जिससे पौधा सड़ सकता है.

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अगर मिट्टी ज्यादा चिकनी है तो उसमें जलभराव होगा, जो एलोवेरा की जड़ों को नुकसान पहुंचाता है.

मिट्टी को हल्का फुलका करने से उसमें हवा पहुंचेगी और पौधे की जड़ों को ऑक्सीजन मिलेगी, जिससे ग्रोथ बेहतर होगी.

एलोवेरा के पुराने और सूखे पत्तों को हटा देना चाहिए ताकि नया विकास बिना रुकावट हो सके.

वर्मी कम्पोस्ट या जैविक खाद डालें. जैसे शरीर को पोषण चाहिए, वैसे ही पौधे को भी जरूरत होती है.

एलोवेरा को अधिक पानी की जरूरत नहीं होती. ज्यादा पानी देने से जड़ें गल सकती हैं.

एलोवेरा को ऐसी जगह रखें जहां रोशनी भरपूर हो, लेकिन सीधी और तेज धूप से बचाएं.

लंबे समय तक तेज धूप में रखने से एलोवेरा का रंग पीला पड़ सकता है और पौधा कमजोर हो सकता है.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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