पान की बेल फैलने वाली होती है, इसलिए इसे जमीन पर लगाना बेहतर होता है. जगह कम हो तो गमले में भी लगा सकते हैं.

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गहरा गमला चुनें जिसमें पानी आसानी से निकल सके. गमले में पानी जमा हुआ तो पौधा सड़ सकता है.

मिट्टी को उपजाऊ बनाने के लिए इसमें गोबर की खाद या वर्मी कंपोस्ट मिलाएं. इससे पौधा जल्दी और बेहतर बढ़ेगा.

पान की ताज़ी बेल से एक अच्छी कटिंग लें और इसे तैयार मिट्टी में लगाएं. ऊपर वाला पत्तेदार हिस्सा मिट्टी से बाहर रखें.

पान को सीधी धूप पसंद नहीं होती. इसे छांव में रखें ताकि पत्ते हरे और ताजे बने रहें.

पान के पौधे को रोज हल्का पानी दें, लेकिन ज्यादा पानी देने से बचें. अधिक नमी पौधे को नुकसान पहुंचा सकती है.

पौधे की अच्छी ग्रोथ के लिए हर 15 दिन में खाद डालें. इससे पत्ते बड़े और हरे-भरे बनते हैं.

जब पान की बेल बढ़ने लगे तो उसे लकड़ी या किसी जाली का सहारा दें, जिससे बेल टूटे नहीं और ऊंचाई पर चढ़ सके.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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