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गाजर की खेती के लिए ढीली, रेतीली और उपजाऊ मिट्टी सबसे अच्छी होती है. मिट्टी की जुताई करके उसमें अच्छी खाद मिलाएं.
गाजर के बीजों को 1.5 से 2.5 सेंटीमीटर की गहराई में बोना चाहिए और मिट्टी की नमी को बनाए रखना जरूरी है.
गाजर के पौधों को समय-समय पर पानी दें. ज्यादा पानी या सूखा दोनों फसल को नुकसान पहुंचा सकते हैं.
गाजर के पौधों की अच्छी ग्रोथ के लिए आसपास से खरपतवार साफ करना बेहद जरूरी है, वरना पौधों को पोषण नहीं मिलेगा.
गाजर की फसल अक्सर कीट और रोगों का शिकार हो जाती है. इसके लिए समय पर सुरक्षित कीटनाशकों का छिड़काव करें.
फसल को बढ़ाने के लिए जैविक खाद या संतुलित उर्वरकों का इस्तेमाल करें, इससे गाजर का रंग और स्वाद बेहतर होता है.
गाजर की कटाई तब करें जब उसका आकार और रंग सही हो. ज्यादा देरी से स्वाद और पौष्टिकता कम हो सकती है.
कटाई के बाद गाजरों को अच्छी तरह धोकर ठंडी और सूखी जगह पर स्टोर करें ताकि वे लंबे समय तक ताजा बनी रहें.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.