खीरे की बुआई गर्मी (फरवरी-मार्च), बारिश (जून-जुलाई) और ठंड में ग्रीनहाउस में (अक्टूबर-नवंबर) की जा सकती है. 

PC: Canva

खीरे के लिए दोमट और भुरभुरी मिट्टी सबसे बेहतर होती है. मिट्टी की जल निकासी सही होनी चाहिए ताकि पौधा सड़ने न लगे.

खीरे के बीजों को 12 घंटे पानी में भिगोकर बोएं. एक जगह पर 2-3 बीज डालें और बाद में सिर्फ मजबूत पौधे को रहने दें.

खीरे की बेल को ऊपर चढ़ाने के लिए बांस या लकड़ी की जाली लगाएं. इससे हवा और धूप अच्छी लगेगी और फल भी बड़े होंगे.

खीरे के पौधे को हर 2-3 दिन में पानी दें. ध्यान रखें कि मिट्टी सूखने न पाए और पौधे की जड़ें हमेशा नम रहें.

पौधों को कीटों से बचाने के लिए नीम के तेल का छिड़काव करें. जैविक उपायों से कीटों पर नियंत्रण बेहतर रहता है.

जलभराव खीरे के पौधों को सड़ा सकता है. इसलिए ऐसी जगह पर लगाएं जहां पानी आसानी से निकल सके.

ठंड में खीरे की बढ़त धीमी हो जाती है, इसलिए सर्दियों में इसे पॉलीहाउस या ग्रीनहाउस में उगाना अधिक फायदेमंद होता है.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

Next: घर पर करें बैंगन की खेती, जानें आसान तरीका