फूलों वाले पौधों की जड़ों की कटाई साल में एक बार जरूर करें ताकि पौधे बेहतर ढंग से ग्रो कर सकें.

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हर दो से तीन हफ्ते में पौधों की सूखी या बेजान पत्तियों की छंटाई करें ताकि नई कली निकल सके.

पौधों में तभी पानी डालें जब मिट्टी पूरी तरह सूख जाए. ज्यादा पानी देने से जड़ें सड़ सकती हैं.

फूलों वाले पौधों में कीड़े लगने की आशंका रहती है, ऐसे में नीम के तेल का छिड़काव कीटों से बचाता है.

इन पौधों को पर्याप्त धूप की जरूरत होती है, रोजाना 4–6 घंटे की धूप मिलना जरूरी है.

फूल आने से पहले और दौरान लिक्विड फर्टिलाइज़र देने से फूल ज़्यादा और लंबे समय तक टिकते हैं.

गोबर खाद या वर्मीकंपोस्ट जैसे जैविक खाद का इस्तेमाल मिट्टी को उर्वर और पौधों को हेल्दी रखता है.

गमले में पानी निकासी के लिए छेद होना ज़रूरी है, वरना जड़ें गल सकती हैं और फूल नहीं खिलेंगे.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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