भोलेनाथ को भस्म अत्यंत प्रिय है. वे इसे अपने शरीर पर धारण करते हैं, इसलिए उन्हें भस्म अर्पित करना उन्हें प्रसन्न करता है.

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शिव पुराण के अनुसार, सिर्फ भस्म धारण करने से ही सारे पापों का नाश हो जाता है. 

भस्म सांसारिक बंधनों और मोह-माया से मुक्ति दिलाती है. यह आत्मिक शुद्धता और वैराग्य का प्रतीक मानी जाती है.

शिव को भस्म चढ़ाने से शरीर और मन में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है और नकारात्मकता का नाश होता है.

‘भ’ का अर्थ होता है नाश और ‘स्म’ का मतलब स्मरण. यानी भस्म पापों को नष्ट करके ईश्वर का स्मरण कराती है.

यदि आपके जीवन में अशांति है, तो सावन में शिव को भस्म चढ़ाएं. इससे मानसिक तनाव और बेचैनी दूर होती है.

धार्मिक मान्यता के अनुसार स्त्रियों को शिवलिंग पर भस्म नहीं चढ़ाना चाहिए, क्योंकि इसे अशुभ माना गया है.

भस्म सिर्फ एक अर्पण नहीं बल्कि शिव के श्रृंगार का हिस्सा है. यह उन्हें सुशोभित करने वाला दिव्य भेंट माना जाता है.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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