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पके हुए परवल से बीज निकालें, छांव में सुखाएं और 12 घंटे पानी में भिगोने के बाद नरम मिट्टी में एक उंगली की गहराई पर बोएं.
हर बीज के बीच उचित दूरी बनाए रखें ताकि पौधों को बढ़ने के लिए पर्याप्त जगह मिले और जड़ें न उलझें.
परवल की बेल से एक हाथ लंबी कटिंग लें और उसे गहराई में रोपें. फिर उसे पानी दें और सहारा लगाएं ताकि लता चढ़ सके.
परवल की बेलें चढ़ने वाली होती हैं, इसलिए बांस, रस्सी या जाल का सहारा दें ताकि पौधे सही दिशा में बढ़ें और ज्यादा फल दें.
परवल को अधिक पानी की जरूरत नहीं होती. गर्मियों में हर 2-3 दिन में हल्का पानी देना पर्याप्त है.
परवल के पत्तों में कीड़े या फफूंदी लग सकती है. इससे बचाने के लिए नीम के तेल का छिड़काव करें.
परवल के पौधे नरम और अच्छी जलनिकासी वाली मिट्टी में ही अच्छे से बढ़ते हैं. जमा पानी से जड़ें सड़ सकती हैं.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.