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पके हुए और रसदार चीकू से बीज निकालें. उन्हें अच्छी तरह धोकर 1–2 दिन छांव में सुखा लें ताकि अंकुरण में आसानी हो.
बीजों को एक गीले कपड़े में लपेटकर 5 से 7 दिन के लिए गर्म जगह पर रखें. जब उनमें अंकुर दिखे, तभी मिट्टी में लगाएं.
गमले में दोमट मिट्टी, बालू और जैविक खाद का मिश्रण डालें. मिट्टी ऐसी होनी चाहिए जिससे पानी आसानी से निकल सके.
चीकू के पौधे को रोजाना कम से कम 5 से 6 घंटे की सीधी धूप मिलनी चाहिए. धूप की कमी से पौधा कमजोर रह सकता है.
मिट्टी हमेशा हल्की नम रखें लेकिन जलभराव से बचें. गर्मियों में हर दूसरे दिन और सर्दियों में सप्ताह में दो बार पानी दें.
हर 15–20 दिन में गोबर की खाद या वर्मी कम्पोस्ट डालें. इससे पौधा मजबूत होता है और समय पर फल देता है.
पत्तियों पर कीड़े या फफूंदी दिखे तो नीम तेल का स्प्रे करें. पौधे की नियमित जांच करते रहें ताकि समय पर बचाव हो सके.
जब फल हल्के भूरे रंग के और दबाने पर थोड़ा नरम लगें, तो समझें कि वो तोड़ने के लिए तैयार हैं.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.