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हमेशा अच्छी किस्म की हल्दी की गांठें चुनें, जिनमें अंकुर निकलने की संभावना अधिक हो.
हल्दी के लिए उपजाऊ, भुरभुरी और जल निकासी वाली मिट्टी सबसे उपयुक्त मानी जाती है.
हल्दी की गांठें गर्मी की शुरुआत (फरवरी–अप्रैल) में लगाना सबसे बेहतर रहता है.
पौधे को समय-समय पर पानी दें, लेकिन ध्यान रखें कि मिट्टी में जलजमाव न हो.
हल्दी के अच्छे विकास के लिए रोज कम से कम 4–5 घंटे सीधी धूप जरूरी है.
जैविक खाद जैसे गोबर की खाद और वर्मी कम्पोस्ट डालें, रासायनिक खाद से बचें.
प्राकृतिक कीटनाशकों जैसे नीम का घोल प्रयोग करें, इससे पौधा लंबे समय तक स्वस्थ रहता है.
7 से 9 महीने बाद पौधा परिपक्व हो जाता है, तब इसकी गांठें निकालकर सुखाई जाती हैं.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.