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तेज बारिश की बूंदें सीधे पत्तियों पर न पड़ें, इसलिए पौधों को शेड या घर के अंदर रखें.
ज्यादा पानी जड़ों को सड़ा सकता है. गमले में छेद होने से अतिरिक्त पानी तुरंत बाहर निकल जाता है और पौधे सुरक्षित रहते हैं.
दोमट या रेतीली मिट्टी जल निकासी को आसान बनाती है. इससे बारिश में पानी रुकता नहीं और पौधों की जड़ें स्वस्थ रहती हैं.
गमले की मिट्टी पर सूखी पत्तियां या भूसा डालकर मल्चिंग करें. यह मिट्टी को संतुलित रखता है.
पौधों में फंगस दिखने पर हल्दी, अदरक पाउडर या नीम पानी का छिड़काव करें. यह संक्रमण फैलने से रोकता है.
बारिश के मौसम में अधिक खाद पौधों को कमजोर बनाती है. वर्मी कम्पोस्ट और नीम तेल का प्रयोग पौधों को सेहतमंद रखता है.
पौधों की पत्तियों पर एलोवेरा पेस्ट लगाकर कीट और बैक्टीरिया से बचाव किया जा सकता है.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.