जब गुड़हल में फूल आना बंद हो जाए तो इसका कारण मिट्टी की पोषकता की कमी या पौधे की थकान हो सकती है. 

Photo Credit: Canva

आलू, प्याज और लहसुन के छिलके पौधों के लिए नेचुरल खाद का काम करते हैं. 

आलू के छिलकों में मौजूद पोटेशियम फूलों की संख्या बढ़ाने और पौधे को ऊर्जावान बनाए रखने में मदद करता है.

प्याज के छिलकों का सल्फर पौधे की इम्युनिटी बढ़ाता है, जबकि लहसुन के एंटी-फंगल गुण पौधों को बीमारियों से बचाते हैं.

इकट्ठा किए गए छिलकों को पानी में तीन दिन तक ढककर रखें. इस दौरान पोषक तत्व पानी में घुल जाएंगे. 

तीन दिन बाद घोल को छानें और एक भाग घोल में दो से तीन भाग पानी मिलाएं. फिर इसे मिट्टी में डालें.

यह घोल गुलाब, मोगरा और सब्जियों के पौधों पर भी असरदार है. नियमित उपयोग से जड़ों की मजबूती बढ़ती है.

गुड़हल को रोज 5–6 घंटे धूप और समय-समय पर हल्की छंटाई चाहिए. इससे नई कलियाँ जल्दी आती हैं.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

Next: सर्दियों में महक उठेगा घर! इस तरह लगाएं चमेली का पौधा