बरसात के मौसम में मिर्च की फसल पर जड़ सड़न रोग का खतरा काफी बढ़ जाता है. 

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जलभराव और नमी से फफूंद पनपती है, जिससे पौधे गलने लगते हैं और फसल बर्बाद हो सकती है.

ऐसे में खेतों में पानी जमा न होने दें. लगातार नमी और जलभराव से मिर्च की जड़ों में फफूंद पनपता है जिससे पौधे गल जाते हैं.

रासायनिक दवाओं की जगह जैविक घोल जैसे ट्राइकोडर्मा और गोबर की खाद का प्रयोग करें. इससे फफूंद नियंत्रण में रहता है.

यदि पौधे मुरझाने लगें, पत्तियां पीली हों और खींचने पर जड़ सहित निकल आएं तो तुरंत इलाज शुरू करें. 

30 ग्राम कार्बेन्डाजिम या मेन्कोजेब को मिलाकर पौधों की जड़ों पर सप्ताह में एक बार छिड़कें.

15 लीटर के पंप में 50 किलो सड़ी गोबर की खाद में 1 किलो ट्राइकोडर्मा मिलाकर खेत में डालें. 

अगर कोई पौधा संक्रमित हो गया है तो उसे तुरंत उखाड़कर खेत से बाहर फेंक दें ताकि बाकी फसल पर असर न पड़े.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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