बरसात में गमले में पानी भरने से तुलसी की जड़ें सड़ जाती हैं. ऐसे में गमले में नीचे पर्याप्त छेद करें ताकि पानी निकल सके.

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नीम की पत्तियों को उबालकर उसका पानी तुलसी पर छिड़कें. इससे कीड़े-मकोड़े दूर होंगे और तुलसी में हरियाली लौटने लगेगी.

नीम की सूखी पत्तियों और गोबर से बनी खाद तुलसी को पोषण देती है. इससे पौधा मजबूत होता है और दोबारा हरा हो सकता है.

1 लीटर पानी में आधा चम्मच हल्दी पाउडर मिलाकर छिड़काव करें. यह प्राकृतिक फंगीसाइड है जो फंगस को खत्म कर देता है.

एक चुटकी नमक मिलाकर पानी का स्प्रे बनाएं और तुलसी के पौधे पर छिड़कें. यह कीड़ों और फफूंदी को खत्म करता है.

सूख चुकी और पीली पत्तियों को समय-समय पर हटा देना चाहिए. इससे नया विकास जल्दी होता है और पौधा स्वस्थ बना रहता है.

अगर मिट्टी में ज्यादा नमी या फंगस हो, तो पौधे की मिट्टी बदल दें. इससे जड़ों को नई ऊर्जा मिलेगी और तुलसी दोबारा हरी होगी.

तुलसी को न तो पूरी धूप चाहिए न ही पूरी छांव. इसके लिए शेड बनाकर रखें जिससे तेज बारिश और धूप से बचाव हो.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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