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ऐसे में नींबू के पौधे को रोज 6–8 घंटे सीधी धूप चाहिए. आधी छांव में रखा पौधा फूल-फल नहीं देगा.
अगर पत्तियां बहुत आ रही हैं लेकिन फूल नहीं, तो समझें नाइट्रोजन ज्यादा है. इससे पौधा सिर्फ हरा होता है.
फूल और फल के लिए फास्फोरस व पोटाश जरूरी हैं. महीने में एक बार सिंगल सुपर फॉस्फेट की संतुलित मात्रा डालें.
जिंक और बोरॉन की कमी से फूल झड़ जाते हैं. इनका हल्का स्प्रे करने से फूल टिकते हैं.
अगर फूल आकर गिर जाते हैं, तो परागण कम हो सकता है. नींबू के पास तुलसी या गेंदा लगाने से मधुमक्खियां आती हैं.
बहुत ज्यादा पानी से जड़ें कमजोर होती हैं और कम पानी से पौधा स्ट्रेस में चला जाता है.
घनी और उलझी शाखाएं रोशनी और हवा रोक देती हैं. हर 3–4 महीने में हल्की छंटाई करने से नई कोंपलें और फूल आते हैं.
उपजाऊ और अच्छी ड्रेनेज वाली मिट्टी पौधे को मजबूत बनाती है. समय-समय पर खाद, कम्पोस्ट और हल्की गुड़ाई करते रहें.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.