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अक्सर लोग मिट्टी और प्लास्टिक के गमले को लेकर कंफ्यूज हो जाते हैं, जबकि दोनों के अपने फायदे और सीमाएं होती हैं.
मिट्टी के गमले छिद्रदार होते हैं, जिससे हवा आसानी से अंदर-बाहर जाती है और जड़ों का दम नहीं घुटता.
मिट्टी के गमले जरूरत से ज्यादा पानी नहीं रोकते, जिससे वॉटरलॉगिंग की समस्या कम होती है.
गरमी हो या ठंड, मिट्टी के गमले तापमान में होने वाले बदलावों को ज्यादा अच्छे से मैनेज करते हैं.
प्लास्टिक हवा पार नहीं होने देते, जिसके कारण पानी निकलने में समय लगता है और नमी अधिक रहने से जड़ें कमजोर होती हैं.
अगर जगह बदलनी हो, बालकनी हो या अस्थायी पौधारोपण करना हो, तो प्लास्टिक के हल्के वजन वाले गमले लें.
मिट्टी के गमलों में जड़ों को पर्याप्त ऑक्सीजन मिलती है, जिससे पौधे मजबूत और लंबे समय तक स्वस्थ रहते हैं.
अगर छोटे गमले चाहिए, तो हल्का मिट्टी का गमला और नीचे सही ड्रेनेज होल पौधे की ग्रोथ को दोगुना कर देता है.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.