तुलसी दो प्रकार की होती है, रामा (हरी पत्तियां) और श्यामा (बैंगनी पत्तियां). श्यामा तुलसी में बैंगनी रंग प्राकृतिक होता है.

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अधिक तेज धूप पड़ने से तुलसी में एंथोसायनिन नामक पिगमेंट बढ़ जाता है, जिससे पत्तियां बैंगनी हो जाती हैं.

मिट्टी में फास्फोरस की कमी से पौधे की पत्तियों का रंग हरे से बैंगनी होने लगता है. यह पोषण की कमी का संकेत है.

मिट्टी में उचित खाद और पानी न मिलने से तुलसी कमजोर हो जाती है और पत्तियों का रंग बदलने लगता है.

रोज बहुत अधिक पानी देने से जड़ों को नुकसान हो सकता है, जिससे पत्तियों में रंग परिवर्तन होता है.

तुलसी को हल्की धूप, सही मात्रा में पानी और समय-समय पर खाद देना जरूरी है, नहीं तो रंग में बदलाव हो सकता है.

मान्यताओं के अनुसार, तुलसी की पत्तियों का बैंगनी होना शुभ होता है, यह लक्ष्मी कृपा का संकेत माना जाता है.

चाहे पत्तियां हरी हों या बैंगनी, तुलसी के औषधीय गुण बरकरार रहते हैं. इसका सेवन स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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