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सर्दियों में गुलाब को पाले और ठंडी हवाओं से बचाना बहुत जरूरी है. गमलों को ऐसी जगह रखें जहां धूप मिले.
ठंड के मौसम में मिट्टी में नमी लंबे समय तक बनी रहती है, इसलिए रोजाना पानी न दें.
गुलाब की मिट्टी को हल्का भुरभुरा रखें. इससे हवा और पोषक तत्व जड़ों तक अच्छे से पहुंचते हैं.
गोबर की सड़ी हुई खाद या वर्मी कम्पोस्ट ठंड में सबसे अच्छी होती है. हर 15-20 दिन में मिट्टी में मिलाएं.
छिलकों को पानी में भिगोकर तैयार लिक्विड हर 15 दिन में डालें. यह पोटेशियम का प्राकृतिक स्रोत है.
इस्तेमाल की हुई चाय की पत्ती सुखाकर मिट्टी में मिलाएं. इसमें मौजूद नाइट्रोजन मिट्टी को हल्का अम्लीय बनाती है.
अक्टूबर-नवंबर में पुरानी और सूखी शाखाएं काट दें. इससे नई शाखाएं निकलती हैं, जिन पर ज्यादा कलियां आते हैं.
हर 15 दिन में नीम तेल का स्प्रे करें. अगर फंगस दिखे, तो हल्का फंगीसाइड छिड़कें.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.