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सर्दियों में तापमान गिरते ही बकरियों की इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है. इस कमजोरी का फायदा वायरस उठाते हैं.
यह वायरस एक बीमार बकरी से पूरे झुंड में पहुंच सकता है. आंखों से पानी, तेज बुखार और दस्त इसके प्रमुख संकेत हैं.
जैसे ही लक्षण दिखें, बीमार बकरी को झुंड से अलग कर दें. इलाज शुरू होते ही वायरस का फैलाव रुका रहता है.
यह वायरस त्वचा पर दाने, फफोले और चकत्ते बनाकर बकरी को कमजोर कर देता है.
चेहरा, कान और आंखों पर सूजन दिखे तो तुरंत पहचान हो जाती है. दूध देने की क्षमता भी घटती है.
ठंडी हवा, गीला बिछावन, और बंद, नमी वाला शेड वायरस के लिए आदर्श जगह बन जाता है.
बहुत सारी बकरियों का एक ही जगह रहना, साथ में खाना-पीना और चरना संक्रमण को और तेज कर देता है.
सरकारी पशु चिकित्सा केंद्रों पर PPR और चेचक के टीके मुफ्त उपलब्ध हैं. समय पर वैक्सीनेशन से बकरी सालभर सुरक्षित रहेगी.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.