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दुधारू गायों में भी यह समस्या होती है, लेकिन बकरियों में ज्यादा गंभीरता से देखने को मिलती है.
किसान अक्सर अचानक चारे का प्रकार बदल देते हैं, जिससे बकरियों में पेट में गैस बनती है और पाचन धीमा हो जाता है.
पेट में हल्की सूजन या गैस होने पर पेट की मालिश और अजवायन का पानी देना शुरुआती इलाज में प्रभावी होता है.
यदि पेट में अत्यधिक सूजन या दर्द महसूस हो तो एंटीस्पास्मोटिक दवा तुरंत देनी चाहिए.
अगर पेट अत्यधिक फूल जाए, तो पशु चिकित्सक की देखरेख में पेट से सीरिंज के माध्यम से गैस निकालना जरूरी होता है.
बारिश के मौसम में गीला और सूखा चारा मिश्रित करके देना चाहिए. इससे पाचन संतुलित रहता है.
बकरियों को हमेशा साफ पानी दें और किसी भी असामान्य व्यवहार पर तुरंत पशु चिकित्सक को दिखाएं.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.