देश के 100 पिछड़े कृषि जिलों के लिए सरकार ने 16 जुलाई 2025 को 'प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना' शुरुआत की है.

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यह योजना देश के ऐसे 100 जिलों पर केंद्रित है जो अब तक कृषि के क्षेत्र में पिछड़े रहे हैं, ताकि इन्हें मुख्यधारा से जोड़ा जा सके.

किसानों को खेती के नए और स्मार्ट तरीकों की ट्रेनिंग दी जाएगी, जिससे वे उत्पादकता बढ़ा सकें और लागत घटा सकें.

योजना के तहत किसानों को एक ही फसल पर निर्भर न रहकर अलग-अलग फसलें उगाने के लिए प्रेरित किया जाएगा.

किसानों को मॉर्डन, हाई यील्डिंग और जलवायु-रज़िस्टेंट बीज मुहैया कराए जाएंगे, जिससे उत्पादन बेहतर हो सके.

योजना का फोकस सिर्फ मुनाफा नहीं, बल्कि टिकाऊ खेती की तरफ भी है, जिससे मिट्टी और पर्यावरण का संतुलन बना रहे.

किसानों को मंडी या बिचौलियों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा, बल्कि उन्हें सीधे मार्केट तक पहुंचने का मौका मिलेगा.

हर जिले की जलवायु और ज़रूरतों के मुताबिक खेती के मॉडल विकसित किए जाएंगे, ताकि स्थानीय स्तर पर समाधान निकले.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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