आयुर्वेद में हरसिंगार को नसों और जोड़ों की बीमारियों का रामबाण माना गया है. खासतौर पर सायटिका जैसी समस्या में.

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हरसिंगार नसों और जोड़ों की समस्याओं में बेहद असरदार है और लगातार दर्द या सूजन में राहत देता है.

कमर से पैरों तक तेज दर्द वाली सायटिका बीमारी में हरसिंगार का सेवन प्राकृतिक इलाज साबित होता है.

हरसिंगार का सही उपयोग नसों का दबाव घटाकर दर्द और चलने-फिरने की परेशानी को कम करता है.

इसके पत्तों में इरिडॉइड ग्लाइकोसाइड्स, फ्लेवोनॉइड और अल्कलॉइड्स पाए जाते हैं जो नसों की सेहत सुधारते हैं.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यह सूजन कम करता है और ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाकर दर्द को नियंत्रित करता है.

हरसिंगार और निर्गुण्डी के पत्तों का काढ़ा मिलकर सायटिका और नसों की बीमारियों में असर दिखाता है.

दोनों पौधों के 50-50 पत्ते एक लीटर पानी में उबालें, 750 मि.ली. बचने पर छानकर उसमें 1 ग्राम केसर मिलाएं.

रोजाना सुबह-शाम 150 मि.ली. काढ़ा पीने से दर्द और सूजन तेजी से कम होती है और रोगी को आराम मिलता है.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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