ऊंटनी का दूध सिर्फ रेगिस्तान तक सीमित नहीं, बल्कि डायबिटीज, ऑटिज्म और एलर्जी जैसी बीमारियों में फायदेमंद है.

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ऊंटनी के दूध में केवल 3.5-5% फैट होता है और प्राकृतिक इंसुलिन मौजूद होता है.

इसमें मौजूद पोषक तत्व शरीर में शुगर लेवल को संतुलित करने में मदद करते हैं.

ऊंटनी का दूध इंसानी दूध जैसी प्रोटीन संरचना रखता है, जिससे एलर्जी वाले बच्चों के लिए यह सुरक्षित विकल्प है.

गाय या भैंस के दूध से एलर्जी वाले बच्चे ऊंटनी के दूध का सेवन आसानी से कर सकते हैं और पोषण भी मिलता है.

अब केवल दूध नहीं, बल्कि पनीर, गुलाब जामुन, कुल्फी, दूध पाउडर, चाय, कॉफी और मावा जैसी चीजें भी बन रही हैं.

बिना पाश्चुरीकरण के दूध पीना जोखिमपूर्ण है, इसलिए प्रोसेस्ड दूध का ही सेवन करना चाहिए.

राजस्थान के पाली जिले से स्पेशल ट्रेनों के जरिए ऊंटनी का दूध देश के विभिन्न हिस्सों में भेजा जा रहा है.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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