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भिगोने के बाद चावल अच्छे से धोकर पकाएं. इससे एक्स्ट्रा स्टार्च हट जाता है और डायबिटीज में खाने के लिए थोड़ा सुरक्षित हो जाता है.
चावल को प्रेशर कुकर में न पकाएं, बल्कि खुले बर्तन में पकाएं. इससे स्टार्च अलग हो जाता है और चावल हल्का पचता है.
चावल को ज्यादा पानी में उबालें और पक जाने के बाद अतिरिक्त पानी निकाल दें. इससे कार्ब की मात्रा कम होती है.
धीमी आंच पर धीरे-धीरे चावल पकाने से उसमें मौजूद शुगर रिलीज स्लो होता है, जिससे शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है.
इस विधि से बना चावल गैस या ब्लोटिंग जैसी समस्याएं नहीं पैदा करता और डायबिटिक मरीज़ों के लिए डाइजेस्टिव फ्रेंडली होता है.
चावल में कार्ब के अलावा कई माइक्रोन्यूट्रिएंट्स होते हैं जो भिगोकर पकाने से अच्छे से अवशोषित होते हैं.
भले ही चावल को हेल्दी तरीके से पकाया गया हो, डायबिटीज मरीज़ों को सीमित मात्रा में ही इसका सेवन करना चाहिए.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.