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लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि आप इन्हें पूरी तरह बर्बाद करें. आप इसके लिए सुरक्षित विकल्प देख सकते हैं.
आलू अगर लंबे समय तक रोशनी, गर्मी या नमी में रहे तो इसमें ग्लाइकोएल्कलॉइड्स जैसे जहरीले तत्व बन जाते हैं.
इसमें सोलानिन और चैकोनिन मुख्य विषैले तत्व होते हैं जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं.
अंकुरित आलू खाने पर कुछ ही घंटों में पेट में भारीपन, जलन, उल्टी, दस्त और थकान जैसी समस्याएं हो सकती हैं.
छोटे बच्चे, बुजुर्ग और पहले से बीमार लोग अंकुरित आलू खाने से गंभीर रूप से प्रभावित हो सकते हैं.
भूनने, उबालने या तलने पर भी सोलानिन पूरी तरह नहीं खत्म होता, इसलिए ये अभी भी हानिकारक रहते हैं.
हर टुकड़े में कम से कम एक अंकुर के साथ सूखाकर मिट्टी में बोने से 2-3 महीनों में नए आलू तैयार हो सकते हैं.
ग्रामीण क्षेत्रों में इन्हें गाय-म्हशी या अन्य जानवरों को उबालकर सीमित मात्रा में खिलाया जा सकता है, कच्चा नहीं.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.