अगर आपको अक्सर खांसी, सर्दी या गले में खराश रहती है, तो दही से दूरी बनाएं. इसकी तासीर ठंडी होती है.

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जोड़ों के दर्द या गठिया के मरीजों को दही नहीं खानी चाहिए. दही की ठंडक और नमी सूजन और दर्द को बढ़ा सकती है.

दमा या श्वसन से जुड़ी समस्याओं में दही से कफ बनता है, जो सांस लेने में और दिक्कत पैदा कर सकता है.

अगर आपका डाइजेस्टिव सिस्टम कमजोर है तो ऐसे में दही से पेट और ज्यादा गड़बड़ा सकता है.

मीठा या फ्लेवर वाला दही डायबिटीज मरीजों के लिए खतरा बन सकता है. इसमें छिपी हुई शुगर ब्लड शुगर बढ़ा सकती है.

आयुर्वेद के अनुसार, रात के समय दही खाना पाचन पर असर डालता है और कफ बढ़ा सकता है, खासकर सर्दियों में.

इनकी इम्यूनिटी कमजोर होती है, ऐसे में ठंडी दही खाने से उन्हें सर्दी-जुकाम या इंफेक्शन का खतरा ज्यादा होता है.

कुछ लोगों को दही से स्किन पर रिएक्शन या एलर्जी हो सकती है, खासकर अगर पहले से कोई संक्रमण चल रहा हो.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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