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ऐसे में यह समझना जरूरी है कि किस तरह के अंकुरित आलू का सेवन सुरक्षित है और किन्हें तुरंत फेंक देना चाहिए.
आलू को नमी या कम हवा वाले स्थान पर रखा जाता है, तो उसमें अंकुर बढ़ने लगते हैं, जिससे वह जल्दी खराब होता है.
अंकुर निकलते ही आलू में सोलानाइन नामक जहरीला तत्व बनने लगता है. यह तत्व आलू के स्वाद को कड़वा करता है.
सोलानाइन शरीर में विषाक्तता फैलाकर डायरिया, उल्टी, सिरदर्द, कमजोरी और बेहोशी जैसे लक्षण पैदा कर सकता है.
यदि आलू पर सिर्फ हल्का अंकुर है और हरे धब्बे नहीं हैं, तो उसका उपयोग किया जा सकता है.
आलू पर हरे धब्बे, बदबू या बहुत ज्यादा नरमी दिखे तो यह संकेत है कि उसमें सोलानाइन काफी बढ़ चुका है.
अंकुरित या संदिग्ध आलू का उपयोग करने से पहले उसे अच्छी तरह छीलकर धोना जरूरी है.
आलू को हमेशा ठंडी, सूखी और हवादार जगह पर रखें. इन्हें कभी फ्रिज में न रखें और न ही प्याज के साथ.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.